राष्ट्रीय भोजली उत्सव मनाने जुटे हजारों लोग, जानें ये क्यों है छत्तीसगढ़ संस्कृति का अभिन्न अंग?

भोजली अनादिकाल से चली आ रही परंपरा व संस्कृति का अभिन्न अंग है. यह मूलत: अन्ना माता व प्रकृति की सेवा है. अंकुरित बीज के पल्लवित रूप की भोजली माता के रूप में सेवा की जाती है.

राष्ट्रीय भोजली उत्सव मनाने जुटे हजारों लोग, जानें ये क्यों है छत्तीसगढ़ संस्कृति का अभिन्न अंग?
भोजली अनादिकाल से चली आ रही परंपरा व संस्कृति का अभिन्न अंग है. यह मूलत: अन्ना माता व प्रकृति की सेवा है. अंकुरित बीज के पल्लवित रूप की भोजली माता के रूप में सेवा की जाती है.