रबी फसलों के सिर्फ उत्पादन पर जोर, समर्थन मूल्य और क्षतिपूर्ति का क्या - छन्नी
रबी फसलों के सिर्फ उत्पादन पर जोर, समर्थन मूल्य और क्षतिपूर्ति का क्या - छन्नी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अक्टूबर। जिला प्रशासन द्वारा इन दिनों रबी सीजन में धान की जगह मक्का, गन्ना, दलहन/तिलहन और दूसरी फसलें बोने गांव-गांव में मुनादी करवाई जा रही है। खुज्जी की पूर्व विधायक छन्नी चंदू साहू ने इस अपील को गंभीरता से लेते किसानों से जुड़े सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार गन्ने की बोनस राशि में कटौती करने का आदेश जारी कर रही है तो दूसरी ओर किसानों से अपील की जा रही है कि वे मिलेट्स और दूसरी फसलों का उत्पादन करें। भाजपा शासन में यह बड़ी भ्रामक स्थिति है। जिसका उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उसमें ही बोनस की कटौती कर किसानों को हतोत्साहित किया जा रहा है।
पूर्व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार मक्का, गेंहू, रागी, दलहन, तिलहन, गन्ना और सब्जी की फसल को प्रोत्साहित करने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार इनकी खरीदी और समर्थन मूल्य तय करें। उन्होंने कहा कि जिन फसलों का उत्पादन किसानों को करने कहा जा रहा है, उससे बड़ा फायदा व्यापारियों को मिलेगा। जबकि भौगालिक परिस्थितियों, मिट्टी की उपजाऊ क्षमता, उसका परीक्षण और गुणवत्ता के साथ ही इस तरह की फसलों के लिए आवश्यक जानकारी, दवा, बीज, खाद और प्रशिक्षण का अभाव है। इन सबके चलते किसानों को इन फसलों के उत्पादन में बड़े नुकसान की भी आशंका है। इस तरह की फसलों को लेकर किसानों को जो आवश्यक जानकारी मिलनी चाहिए वो उनके पास नहीं है। जागरुकता के लिए कार्यशाला और दूसरे तरह के प्रयासों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गई है। कई कारण है कि किसान ये फसल नहीं ले पाएंगे। जिसमें सबसे बड़ा कारण समर्थन मूल्य है।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 अक्टूबर। जिला प्रशासन द्वारा इन दिनों रबी सीजन में धान की जगह मक्का, गन्ना, दलहन/तिलहन और दूसरी फसलें बोने गांव-गांव में मुनादी करवाई जा रही है। खुज्जी की पूर्व विधायक छन्नी चंदू साहू ने इस अपील को गंभीरता से लेते किसानों से जुड़े सवाल उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार गन्ने की बोनस राशि में कटौती करने का आदेश जारी कर रही है तो दूसरी ओर किसानों से अपील की जा रही है कि वे मिलेट्स और दूसरी फसलों का उत्पादन करें। भाजपा शासन में यह बड़ी भ्रामक स्थिति है। जिसका उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उसमें ही बोनस की कटौती कर किसानों को हतोत्साहित किया जा रहा है।
पूर्व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार मक्का, गेंहू, रागी, दलहन, तिलहन, गन्ना और सब्जी की फसल को प्रोत्साहित करने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार इनकी खरीदी और समर्थन मूल्य तय करें। उन्होंने कहा कि जिन फसलों का उत्पादन किसानों को करने कहा जा रहा है, उससे बड़ा फायदा व्यापारियों को मिलेगा। जबकि भौगालिक परिस्थितियों, मिट्टी की उपजाऊ क्षमता, उसका परीक्षण और गुणवत्ता के साथ ही इस तरह की फसलों के लिए आवश्यक जानकारी, दवा, बीज, खाद और प्रशिक्षण का अभाव है। इन सबके चलते किसानों को इन फसलों के उत्पादन में बड़े नुकसान की भी आशंका है। इस तरह की फसलों को लेकर किसानों को जो आवश्यक जानकारी मिलनी चाहिए वो उनके पास नहीं है। जागरुकता के लिए कार्यशाला और दूसरे तरह के प्रयासों के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की गई है। कई कारण है कि किसान ये फसल नहीं ले पाएंगे। जिसमें सबसे बड़ा कारण समर्थन मूल्य है।