आवश्यक मादक दवाओं के सुरक्षित उपयोग एवं सतर्कता पर कलिंगा विवि में अतिथि व्याख्यान

रायपुर, 30 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि फार्मेसी संकाय द्वारा आवश्यक मादक दवाएँ: सुरक्षित उपयोग एवं दुरुपयोग रोकथाम हेतु सतर्कता विषय पर एक ज्ञानवर्धक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. टी. पुगझेंथन, एसोसिएट प्रोफेसर, फैकल्टी-इन-चार्ज, सेंट्रल फार्मेसी एवं आवश्यक मादक अधिकारी, रायपुर, छत्तीसगढ़ थे। विश्वविद्यालय ने बताया किकार्यक्रम में संकाय सदस्यों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों सहित कुल 110 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी, प्राचार्य, फार्मेसी संकाय एवं आयोजन सचिव, के नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. इंदु लता कंवर, डॉ. रुपाली भारती साओ एवं सुश्री सलोनी साव ने संयोजक के रूप में किया। विश्वविद्यालय ने बताया कि अपने गहन व्याख्यान के दौरान, डॉ. पुगाज़ेंथन ने आवश्यक मादक औषधियों के नैदानिक महत्व पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से दर्द प्रबंधन और उपशामक देखभाल में। उन्होंने इनके उपयोग में सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर बल दिया और दुरुपयोग से जुड़े गंभीर जोखिमों के प्रति आगाह किया। उन्होंने व्याख्यान में नियामक अनुपालन, राष्ट्रीय दिशा-निर्देश एवं चिकित्सकीय नैतिक जिम्मेदारियों को रेखांकित किया गया। वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने प्रतिभागियों को दुरुपयोग की चुनौतियों एवं पेशेवर जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया। विश्वविद्यालय ने बताया कि कार्यक्रम का संवादात्मक सत्र विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रश्न पूछने हेतु प्रोत्साहित करता रहा, जिनका उत्तर वक्ता ने स्पष्टता से दिया। इस व्याख्यान में डी. फार्मा, बी. फार्मा, एम. फार्मा एवं फार्म.डी. के 110 विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी, प्राचार्य, फार्मेसी संकाय एवं सत्र आयोजक, द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

आवश्यक मादक दवाओं के सुरक्षित उपयोग एवं सतर्कता पर कलिंगा विवि में अतिथि व्याख्यान
रायपुर, 30 अगस्त। कलिंगा विश्वविद्यालय ने बताया कि फार्मेसी संकाय द्वारा आवश्यक मादक दवाएँ: सुरक्षित उपयोग एवं दुरुपयोग रोकथाम हेतु सतर्कता विषय पर एक ज्ञानवर्धक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. टी. पुगझेंथन, एसोसिएट प्रोफेसर, फैकल्टी-इन-चार्ज, सेंट्रल फार्मेसी एवं आवश्यक मादक अधिकारी, रायपुर, छत्तीसगढ़ थे। विश्वविद्यालय ने बताया किकार्यक्रम में संकाय सदस्यों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों सहित कुल 110 प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह कार्यक्रम डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी, प्राचार्य, फार्मेसी संकाय एवं आयोजन सचिव, के नेतृत्व में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. इंदु लता कंवर, डॉ. रुपाली भारती साओ एवं सुश्री सलोनी साव ने संयोजक के रूप में किया। विश्वविद्यालय ने बताया कि अपने गहन व्याख्यान के दौरान, डॉ. पुगाज़ेंथन ने आवश्यक मादक औषधियों के नैदानिक महत्व पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से दर्द प्रबंधन और उपशामक देखभाल में। उन्होंने इनके उपयोग में सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर बल दिया और दुरुपयोग से जुड़े गंभीर जोखिमों के प्रति आगाह किया। उन्होंने व्याख्यान में नियामक अनुपालन, राष्ट्रीय दिशा-निर्देश एवं चिकित्सकीय नैतिक जिम्मेदारियों को रेखांकित किया गया। वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने प्रतिभागियों को दुरुपयोग की चुनौतियों एवं पेशेवर जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया। विश्वविद्यालय ने बताया कि कार्यक्रम का संवादात्मक सत्र विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रश्न पूछने हेतु प्रोत्साहित करता रहा, जिनका उत्तर वक्ता ने स्पष्टता से दिया। इस व्याख्यान में डी. फार्मा, बी. फार्मा, एम. फार्मा एवं फार्म.डी. के 110 विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन डॉ. संदीप प्रसाद तिवारी, प्राचार्य, फार्मेसी संकाय एवं सत्र आयोजक, द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।