मोहला-मानपुर जिले के खैरीपांगरी की घटना
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 सितंबर। मोहला-मानपुर जिले के अंदरूनी क्षेत्र पाटनखास के खैरीपांगरी गांव में एक आदिवासी परिवार पर उस वक्त कहर टूट पड़ा, जब करंट लगने से पति-पत्नी समेत बेटे की मौत हो गई। पिता को करंट में झुलसते देख बेटे ने बचाने के प्रयास में जहां अपनी जान गंवाई, वहीं पति और बेटे को करंट से बचाने की कोशिश में पत्नी की भी जान चली गई। यह घटना सोमवार की रात की है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
खैरीपांगरी के रहने वाले 62 साल के सूरतराम बोगा को अचानक बाड़ी के तार में दौड़ रहे करंट ने अपनी चपेट में ले लिया। उसी दौरान पिता को बचाने की कोशिश में 27 साल का बेटा रूपलाल बोगा भी झुलस गया। इस बीच पति और पुत्र को बाड़ी से नहीं लौटने पर 58 वर्षीय पत्नी भागबती बाई दोनों को ढूंढते हुए कोठार पहुंची।
पति और पुत्र को करंट से झुलसते हुए देखकर उसने भी दोनों को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा दी। घटना सोमवार की शाम 6 से 7 बजे की है।
मोहला-मानपुर जिले के खैरीपांगरी की घटना
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 सितंबर। मोहला-मानपुर जिले के अंदरूनी क्षेत्र पाटनखास के खैरीपांगरी गांव में एक आदिवासी परिवार पर उस वक्त कहर टूट पड़ा, जब करंट लगने से पति-पत्नी समेत बेटे की मौत हो गई। पिता को करंट में झुलसते देख बेटे ने बचाने के प्रयास में जहां अपनी जान गंवाई, वहीं पति और बेटे को करंट से बचाने की कोशिश में पत्नी की भी जान चली गई। यह घटना सोमवार की रात की है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
खैरीपांगरी के रहने वाले 62 साल के सूरतराम बोगा को अचानक बाड़ी के तार में दौड़ रहे करंट ने अपनी चपेट में ले लिया। उसी दौरान पिता को बचाने की कोशिश में 27 साल का बेटा रूपलाल बोगा भी झुलस गया। इस बीच पति और पुत्र को बाड़ी से नहीं लौटने पर 58 वर्षीय पत्नी भागबती बाई दोनों को ढूंढते हुए कोठार पहुंची।
पति और पुत्र को करंट से झुलसते हुए देखकर उसने भी दोनों को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा दी। घटना सोमवार की शाम 6 से 7 बजे की है।