शुक्रवार को ही किया जाता है इन मंत्रों का जाप, दूर हो जाती है आर्थिक तंगी

सनातन धर्म में यह मान्यता है कि देवी लक्ष्मी को शुक्रवार का दिन बेहद प्रिय होता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक आर्थिक तंगी है तो शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मां लक्ष्मी के विशेष मंत्रों का जाप करने से पूजा सफल होती है और धन की तंगी नहीं झेलना पड़ती है। मां लक्ष्मी के मंत्र- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥ ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य, नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ । ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम, गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा । ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।। .ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद। प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।। ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।। आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि। यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे। संतान लक्ष्मी नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि। पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे। ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥

शुक्रवार को ही किया जाता है इन मंत्रों का जाप, दूर हो जाती है आर्थिक तंगी
सनातन धर्म में यह मान्यता है कि देवी लक्ष्मी को शुक्रवार का दिन बेहद प्रिय होता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत अधिक आर्थिक तंगी है तो शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मां लक्ष्मी के विशेष मंत्रों का जाप करने से पूजा सफल होती है और धन की तंगी नहीं झेलना पड़ती है। मां लक्ष्मी के मंत्र- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥ ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य, नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ । ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम, गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा । ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।। .ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद। प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।। ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:।। आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि। यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे। संतान लक्ष्मी नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि। पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे। ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये। धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥