सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ कलार समाज ने सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 10 सितंबर। कलार समाज बस्तर संभाग मुख्यालय जुगानीकलार के सामाजिक पदाधिकारी एवं सदस्य बुधवार को जिलाध्यक्ष त्रिनाथ दीवान के नेतृत्व में सिटी कोतवाली कोण्डागांव पहुंचे और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपते हुए त्रिनाथ दीवान ने बताया कि, कांकेर जिला के मनोज कुमार मंडावी नामक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कलार समाज और अन्य समुदायों के खिलाफ आपत्तिजनक, अश्लील एवं असंवैधानिक भाषा का प्रयोग करते हुए कई पोस्ट डाले गए हैं। समाज ने इसे न केवल कलार समाज बल्कि संपूर्ण समाज की मर्यादा और प्रतिष्ठा पर आघात बताते हुए तीखी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने आगे बताया कि, इस प्रकार की गतिविधियां समाज में वैमनस्य, अशांति और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाली हैं, जो संविधान और कानून के विरुद्ध है। समाज ने आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153्र सहित अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। कलार समाज पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की जाती, तो समाज के लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट के खिलाफ कलार समाज ने सौंपा ज्ञापन
छत्तीसगढ़ संवाददाता कोण्डागांव, 10 सितंबर। कलार समाज बस्तर संभाग मुख्यालय जुगानीकलार के सामाजिक पदाधिकारी एवं सदस्य बुधवार को जिलाध्यक्ष त्रिनाथ दीवान के नेतृत्व में सिटी कोतवाली कोण्डागांव पहुंचे और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपते हुए त्रिनाथ दीवान ने बताया कि, कांकेर जिला के मनोज कुमार मंडावी नामक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कलार समाज और अन्य समुदायों के खिलाफ आपत्तिजनक, अश्लील एवं असंवैधानिक भाषा का प्रयोग करते हुए कई पोस्ट डाले गए हैं। समाज ने इसे न केवल कलार समाज बल्कि संपूर्ण समाज की मर्यादा और प्रतिष्ठा पर आघात बताते हुए तीखी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने आगे बताया कि, इस प्रकार की गतिविधियां समाज में वैमनस्य, अशांति और साम्प्रदायिक तनाव फैलाने वाली हैं, जो संविधान और कानून के विरुद्ध है। समाज ने आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153्र सहित अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग की है। कलार समाज पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की जाती, तो समाज के लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।