छत्तीसगढ़ के इस सरई बाबा की उम्र है 417 बरस, अभी भी हैं पूरे तंदुरुस्त, फूल रहे हैं, फल रहे हैं

Importance of Sarai Tree Among Tribals: धमतरी से 50 किलोमीटर दूर दुगली गांव के जंगल में यह सरई पेड़ है. इस पेड़ की खूबी के चलते लोग इसे सरई बाबा के नाम से पुकारते हैं. इसकी पूजा करते हैं. यह पेड़ लोगों को साफ हवा के साथ फल भी दे रहा है.

छत्तीसगढ़ के इस सरई बाबा की उम्र है 417 बरस, अभी भी हैं पूरे तंदुरुस्त, फूल रहे हैं, फल रहे हैं
Importance of Sarai Tree Among Tribals: धमतरी से 50 किलोमीटर दूर दुगली गांव के जंगल में यह सरई पेड़ है. इस पेड़ की खूबी के चलते लोग इसे सरई बाबा के नाम से पुकारते हैं. इसकी पूजा करते हैं. यह पेड़ लोगों को साफ हवा के साथ फल भी दे रहा है.