‘नकली’ पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को जापान से वापस भेजा गया : एजेंसी
‘नकली’ पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को जापान से वापस भेजा गया : एजेंसी
(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 17 सितंबर। धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद एक नकली पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को जापान से वापस भेज दिया गया। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एफआईए ने बयान में कहा कि एक मानव तस्करी गिरोह फुटबॉल टीम की आड़ में 22 लोगों को जापान भेजने में शामिल था।
नकली खिलाड़ी फुटबॉल किट पहने हुए थे और दावा कर रहे थे कि वे पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ में पंजीकृत हैं। उन्होंने एक जापानी क्लब के साथ मैच निर्धारित होने का भी दावा किया।
बयान में कहा गया, 22 सदस्यीय नकली फुटबॉल टीम, जो 15 दिन का वीजा पाने में कामयाब रही, जून 2025 में जापान पहुंची। हालांकि, जापानी आव्रजन अधिकारियों ने इसे हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया और फिर मामले की सूचना एफआईए को दी गई।
एफआईए ने मामले की जांच शुरू की और मंगलवार को उसने इस घटना में संलिप्त मानव तस्करी गिरोह के एक प्रमुख संदिग्ध वकास अली को गिरफ्तार किया।
जांच के दौरान, संदिग्ध ने खुलासा किया कि उसका गिरोह 2024 में पाकिस्तान फुटबॉल टीम के सदस्य बताकर 17 लोगों को जापान भेजने में कामयाब रहा था जो कभी वापस नहीं लौटे।
संदिग्ध ने खुलासा किया कि इस उद्देश्य के लिए पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (पीएफएफ) और विदेश मंत्रालय के जाली पत्रों और एनओसी का इस्तेमाल किया गया था।
एफआईए ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति (खिलाड़ी) ने अपने जापान वीजा की व्यवस्था के लिए 45 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया।
उसने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी जारी है।(भाषा)
(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 17 सितंबर। धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद एक नकली पाकिस्तानी फुटबॉल टीम को जापान से वापस भेज दिया गया। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एफआईए ने बयान में कहा कि एक मानव तस्करी गिरोह फुटबॉल टीम की आड़ में 22 लोगों को जापान भेजने में शामिल था।
नकली खिलाड़ी फुटबॉल किट पहने हुए थे और दावा कर रहे थे कि वे पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ में पंजीकृत हैं। उन्होंने एक जापानी क्लब के साथ मैच निर्धारित होने का भी दावा किया।
बयान में कहा गया, 22 सदस्यीय नकली फुटबॉल टीम, जो 15 दिन का वीजा पाने में कामयाब रही, जून 2025 में जापान पहुंची। हालांकि, जापानी आव्रजन अधिकारियों ने इसे हवाई अड्डे से ही वापस भेज दिया और फिर मामले की सूचना एफआईए को दी गई।
एफआईए ने मामले की जांच शुरू की और मंगलवार को उसने इस घटना में संलिप्त मानव तस्करी गिरोह के एक प्रमुख संदिग्ध वकास अली को गिरफ्तार किया।
जांच के दौरान, संदिग्ध ने खुलासा किया कि उसका गिरोह 2024 में पाकिस्तान फुटबॉल टीम के सदस्य बताकर 17 लोगों को जापान भेजने में कामयाब रहा था जो कभी वापस नहीं लौटे।
संदिग्ध ने खुलासा किया कि इस उद्देश्य के लिए पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ (पीएफएफ) और विदेश मंत्रालय के जाली पत्रों और एनओसी का इस्तेमाल किया गया था।
एफआईए ने कहा, प्रत्येक व्यक्ति (खिलाड़ी) ने अपने जापान वीजा की व्यवस्था के लिए 45 लाख पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया।
उसने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी जारी है।(भाषा)