रीवा के प्रतिभागियों ने नेशनल कूडो चैम्पियनशिप में जीते मैडल:वापसी पर हुआ जोरदार स्वागत; 27 राज्यों के खिलाड़यों ने लिया था भाग
रीवा के प्रतिभागियों ने नेशनल कूडो चैम्पियनशिप में जीते मैडल:वापसी पर हुआ जोरदार स्वागत; 27 राज्यों के खिलाड़यों ने लिया था भाग
रीवा के छात्रों ने सूरत में आयोजित नेशनल कूडो चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में 22 मेडल जीते हैं। जिनकी आज रीवा वापसी पर सभी विजेताओं का जोरदार स्वागत किया गया। स्थानीय लोगों ने माला पहनाकर बैंड-बाजे के साथ विजेताओं का उत्साह बढ़ाया। जहां रीवा का मान बढ़ाने के लिए सभी को शुभकामनाएं दी गईं। कोच नेहा तिवारी ने बताया कि कूडो नेशनल चैंपियनशिप प्रतियोगिता 5 से 12 नवंबर तक सूरत में आयोजित की गई थी। जिसमें भाग लेने के लिए रीवा से 12 बच्चे गए हुए थे। 27 राज्यों से प्रतिभागी यहां भाग लेने के लिए आए हुए थे। जिनसे कड़ी टक्कर के बीच रीवा के प्रतिभागियों ने इतने मेडल हासिल किए हैं। जिनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा। रीवा के बच्चों ने 13 गोल्ड,2 सिल्वर और 7 ब्रांच मेडल जीते हैं। बच्चों को कोच उमेश और प्रकाश त्रिपाठी ने ट्रेनिंग दी थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अक्षय कुमार,परेश रावल और सुनील शेट्टी थे। जहां उनके आने से कार्यक्रम में चार-चांद लग गए थे। एक ही प्रतियोगिता से इतने मेडल लाना मुश्किल होता है। लेकिन रीवा के प्रतिभागियों ने अपनी मेहनत और लगन से इसे सम्भव कर दिया।
रीवा के छात्रों ने सूरत में आयोजित नेशनल कूडो चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में 22 मेडल जीते हैं। जिनकी आज रीवा वापसी पर सभी विजेताओं का जोरदार स्वागत किया गया। स्थानीय लोगों ने माला पहनाकर बैंड-बाजे के साथ विजेताओं का उत्साह बढ़ाया। जहां रीवा का मान बढ़ाने के लिए सभी को शुभकामनाएं दी गईं। कोच नेहा तिवारी ने बताया कि कूडो नेशनल चैंपियनशिप प्रतियोगिता 5 से 12 नवंबर तक सूरत में आयोजित की गई थी। जिसमें भाग लेने के लिए रीवा से 12 बच्चे गए हुए थे। 27 राज्यों से प्रतिभागी यहां भाग लेने के लिए आए हुए थे। जिनसे कड़ी टक्कर के बीच रीवा के प्रतिभागियों ने इतने मेडल हासिल किए हैं। जिनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा। रीवा के बच्चों ने 13 गोल्ड,2 सिल्वर और 7 ब्रांच मेडल जीते हैं। बच्चों को कोच उमेश और प्रकाश त्रिपाठी ने ट्रेनिंग दी थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अक्षय कुमार,परेश रावल और सुनील शेट्टी थे। जहां उनके आने से कार्यक्रम में चार-चांद लग गए थे। एक ही प्रतियोगिता से इतने मेडल लाना मुश्किल होता है। लेकिन रीवा के प्रतिभागियों ने अपनी मेहनत और लगन से इसे सम्भव कर दिया।