विस्थापन और मुआवजे की मांगों पर अड़े पीड़ित परिवार:छिंदवाड़ा में आश्वासन के बावजूद मांगें कीं अनसुनी; मोहगांव डूब क्षेत्र के किसानों ने घेरा कार्यालय
विस्थापन और मुआवजे की मांगों पर अड़े पीड़ित परिवार:छिंदवाड़ा में आश्वासन के बावजूद मांगें कीं अनसुनी; मोहगांव डूब क्षेत्र के किसानों ने घेरा कार्यालय
छिंदवाड़ा में कई बार आश्वासन मिलने के बाद मांगे पूरी नहीं हुईं। इसके चलते मोहगांव डूब क्षेत्र के किसानों ने बुधवार की देर शाम से कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग छिंदवाड़ा के कार्यालय को घर कर उसमें डेरा डाल लिया उनकी मांग की। उन्होंने कहा अधिकारियों ने उचित निराकरण नहीं दिया गया, जिसके चलते अधिकारियों के रवैया से परेशान होकर के ग्रामीणों ने भी छिंदवाड़ा कार्यालय में अपना डेरा जमा लिया। सैकड़ों किसान, महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। जिन्हें अपने भविष्य की चिंता है और अधिकारियों के टालमटोल रवैया के चलते वह यह विरोध करने के लिए विवश है। मोहगांव जलाशय पीड़ित किसानों का कहना है कि पिछले 5 सालों से भटक रहे है लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ। किसानों की यह मांगें किसानों का कहना है कि इन सभी मांगों पर इसके पहले पांढुर्णा कलेक्टर ने इन किसानों के बीच पहुंचकर सहमति जताई थी। 15 दिवस का समय मांगा था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी किसानों की मांगे जस की तस हैं। आज इस घेराव में नदेवानी, मुगनापर, भुम्मा, सरकीखापा, जोबनडेरा के किसान शामिल हुए है।
छिंदवाड़ा में कई बार आश्वासन मिलने के बाद मांगे पूरी नहीं हुईं। इसके चलते मोहगांव डूब क्षेत्र के किसानों ने बुधवार की देर शाम से कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग छिंदवाड़ा के कार्यालय को घर कर उसमें डेरा डाल लिया उनकी मांग की। उन्होंने कहा अधिकारियों ने उचित निराकरण नहीं दिया गया, जिसके चलते अधिकारियों के रवैया से परेशान होकर के ग्रामीणों ने भी छिंदवाड़ा कार्यालय में अपना डेरा जमा लिया। सैकड़ों किसान, महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। जिन्हें अपने भविष्य की चिंता है और अधिकारियों के टालमटोल रवैया के चलते वह यह विरोध करने के लिए विवश है। मोहगांव जलाशय पीड़ित किसानों का कहना है कि पिछले 5 सालों से भटक रहे है लेकिन उनकी समस्या का निराकरण नहीं हुआ। किसानों की यह मांगें किसानों का कहना है कि इन सभी मांगों पर इसके पहले पांढुर्णा कलेक्टर ने इन किसानों के बीच पहुंचकर सहमति जताई थी। 15 दिवस का समय मांगा था लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी किसानों की मांगे जस की तस हैं। आज इस घेराव में नदेवानी, मुगनापर, भुम्मा, सरकीखापा, जोबनडेरा के किसान शामिल हुए है।